नियम सब टूट जाते हैं, चलन की सुध नहीं रहती

नियम सब टूट जाते हैं, चलन की सुध नहीं रहती कि जब मन, मन से मिलता है तो तन की सुध नहीं रहती   हृदय के देवता जब भी कभी साकार होते हैं भजन की सुध नहीं रहती, नमन की सुध नहीं रहती   सफ़र मुश्क़िल सही लेकिन, न मुड़कर देखना हरगिज़ नज़र आ जाए … Continue reading नियम सब टूट जाते हैं, चलन की सुध नहीं रहती